जगम्मनपुर, जालौन: कोटेदार नहीं देता पूरा खाद्यान्न, अधिकारियों पर घूस लेने की तोहमत
रिपोर्ट :- विजय द्विवेदी
जगम्मनपुर, जालौन : सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान पर शासन द्वारा वितरित किए जा रहे निशुल्क खाद्यान्न को कम करके वितरण करने व इस भ्रष्टाचार में संबंधित विभाग के अधिकारियों के शामिल होने के आरोप का मामला प्रकाश में आया है।
माधौगढ़ तहसील अंतर्गत विकासखंड रामपुरा के ग्राम हमीरपुरा निवासी लगभग तीन दर्जन ग्रामीणों ने जिला अधिकारी जालौन , उप जिलाधिकारी माधौगढ़, जिला पूर्ति अधिकारी जालौन (उरई) को रजिस्टर्ड पत्र के माध्यम से अवगत कराया है कि लगभग 2 वर्ष पूर्व ग्राम पंचायत हमीरपुरा के कोटेदार रामनारायण का कोटा अनियमितताओं के कारण निलंबित होने पर उक्त कोटा को समीप के ग्राम जगम्मनपुर में घनश्याम कोटेदार के यहां संबद्ध कर दिया गया था , इसके कुछ दिनों बाद हमीरपुरा के कोटेदार रामनरायण का निधन होने से अभी तक यह खाद्यान्न जगम्मनपुर में घनश्याम कोटेदार के यहां पर ही वितरित किया जा रहा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि कार्ड धारकों के प्रति कोटेदार घनश्याम का व्यवहार अच्छा नहीं है , वह कार्ड धारकों को खाद्यान्न लेने के लिए दो तीन चक्कर लगवा कर परेशान करते हैं एवं प्रति यूनिट 500 ग्राम खाद्यान्न कम करके वितरित करते है । शिकायती पत्र के अनुसार कटौती कर खाद्यान्न वितरण करने को लेकर कार्ड धारकों द्वारा आपत्ति करने पर कोटेदार घनश्याम कहता है कि रामपुरा गोदाम से प्रति बोरी दो-तीन किलो गेहूं चावल कब निकलता है एवं प्रतिमाह अधिकारियों को भी चढ़ौती चढ़ाना पड़ती है इसकी पूर्ति इसी प्रकार कम खाद्यान्न वितरित करके ही की जाएगी । ग्रामीणों का आरोप है कि कोटेदार घनश्याम कहता है कि जब फ्री माल मिल रहा है तो क्या कम - क्या ज्यादा, जितना मिले उतना ले लो । गौरतलब है कि ग्राम हमीरपुरा में पात्र गृहस्थी के 259 कार्डों में 929 यूनिट तथा अंत्योदय के 20 कार्डों में 76 यूनिट कुल 1005 यूनिट का प्रति 500 ग्राम एक बार का लगभग 5 क्विंटल तथा माह में दो बार निशुल्क वितरण का लगभग 10 कुंतल खाद्यान्न कटौती करके वितरित किया जा रहा है यदि ग्रामीणों द्वारा लगाए गए आरोप सच है तो कोटेदार द्वारा सरकार की जनहितकारी योजना में बुरी तरह पलीता लगाया जा रहा है जो जांच का विषय है। वही जांच का विषय यह भी है कि क्या वास्तव में विभागीय अधिकारी भी इस भ्रष्टाचार में शामिल है एवं इस विषय पर भी जांच होना चाहिए कि रामपुरा स्थित गोदाम से क्या वास्तव में कोटेदारों को दो-तीन किलोग्राम प्रति बोरी खाद्यान्न कम दिया जा रहा है यदि यह सच है तो यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। ग्रामीणों ने अपने ही गांव हमीरपुरा में कोटेदार का चयन करके खाद्यान्न वितरण की मांग की है ताकि प्रतिमाह अपमानजनक स्थिति का सामना करने से बचा जा सके।