सरकार ने राष्ट्रीय लॉजिस्टिक उत्कृष्टता पुरस्कारों की शुरुआत की
पुरस्कारों से लॉजिस्टिक आपूर्ति श्रृंखला में शामिल विभिन्न कंपनियों को पहचान मिलेगी
पुरस्कारों से कोविड-19 महामारी के चलते सामने आई कमियों के समाधान के लिए संगठनों द्वारा किए गए असाधारण उपायों की सराहना का अवसर मिलेगा
लॉजिस्टिक क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने के उद्देश्य से, सरकार ने आज राष्ट्रीय लॉजिस्टिक उत्कृष्टता पुरस्कार शुरू करने की घोषणा की है। पुरस्कारों की रूपरेखा को लॉजिस्टिक संगठनों और उपयोगकर्ता उद्योग भागीदारों के साथ परामर्श के बाद अंतिम रूप दिया गया है। पुरस्कार की दो श्रेणियां हैं, पहले समूह में लॉजिस्टिक इन्फ्रास्ट्रक्चर/ सेवा प्रदाता शामिल हैं और दूसरी विभिन्न उपयोगकर्ता उद्योगों के लिए है। लॉजिस्टिक आपूर्ति श्रृंखला में शामिल विभिन्न कंपनियों को सम्मान देने के लिए उपयोगकर्ता उद्योगों की तरफ से व्यापक तारीफ हासिल हुई है।
इन पुरस्कारों में प्रक्रिया मानकीकरण, तकनीक सुधार, डिजिटल बदलावों और टिकाऊ प्रक्रियाओं सहित सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं पर जोर दिया जाएगा। विशेष सचिव, लॉजिस्टिक शाखा श्री पवन अग्रवाल ने कहा, “इन पुरस्कारों के माध्यम से हमारा उद्देश्य लॉजिस्टिक सेवा प्रदाताओं की ओर ध्यान आकर्षित करना है, जिन्होंने अन्य उपलब्धियों के साथ ही परिचालन उत्कृष्टता हासिल की है, डिजिटलीकरण और प्रौद्योगिकी को अपनाया है, ग्राहक सेवा में सुधार किया है और टिकाऊ प्रक्रियाओं को लागू किया है।” उन्होंने कहा, “उपयोगकर्ता उद्योगों के लिए, ये पुरस्कार आपूर्ति श्रृंखला में बदलाव, आपूर्ति व्यवस्था का विकास, कौशल विकास, स्वचालन और अन्य ऐसे कार्यों की दिशा में किए गए प्रयासों का प्रदर्शन किया जाएगा।”
ये पुरस्कार संगठनों के असाधारण कदमों की सराहना का एक अवसर भी होंगे, जो उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान सामने आई कमियों के समाधान के लिए उठाए। इनमें लास्ट माइल डिलिवरी स्टार्ट-अप, शीत भंडारण सुविधाओं का विकास, ऑक्सीन की प्रभावी आपूर्ति और जरूरतमंद लोगों को आवश्यक वस्तु एवं सेवाओं की निर्बाध आपूर्ति शामिल हैं।
भारतीय लॉजिस्टिक क्षेत्र जहां 2020 में लगभग 215 बिलियन डॉलर तक पहुंचने के साथ 10.5 प्रतिशत सीएजीआर दर से बढ़ रहा है, वहीं इसके साथ ही व्यवस्थित, एक दूसरे से जुड़ी समस्याएं हैं जिन्हें उसकी दक्षता में सुधार के लिए दूर किया जाना चाहिए। भारत के जीडीपी में लॉजिस्टिक की समग्र लागत लगभग 14 प्रतिशत आती है। 8 प्रतिशत के वैश्विक औसत की तुलना में भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता के अंतर को कम करने के लिए भारतीय लॉजिस्टिक क्षेत्र को वैश्विक लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक (एलपीआई) में शीर्ष 25 देशों में शामिल होने की महत्वाकांक्षा के साथ वैश्विक प्रतिस्पर्धियों की तरह उन्नत, संगठित और कुशल बनाना होगा।
उद्योग प्रतिभागियों और संबंधित मंत्रालयों के अधिकारियों ने लॉजिस्टिक क्षेत्र को पहचान देने की पहल का स्वागत किया है, जो आर्थिक विकास में एक अहम भूमिका निभा रहा है। इस संदर्भ एक महत्वपूर्ण कार्य लॉजिस्टिक में सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं पर केस स्टडीज का एक संग्रह होगा, जिसे वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की वेबसाइट पर यूआरएल https://excellenceawardslogistics.gov.in के तहत “लॉजिस्टिक एक्सीलेंस गैलरी” के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा। लॉजिस्टिक के क्षेत्र में असाधारण कार्य कर रहे लॉजिस्टिक सेवा प्रदाताओं और उपयोगकर्ता उद्योगों को भी गैलरी में दिखाया जाएगा।
संगठनों को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की वेबसाइट के माध्यम से प्रविष्टियां जमा करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। छांटे गए लोगों को नेशनल ज्यूरी पैनल के सामने प्रस्तुतीकरण के लिए चुना जाएगा, जो विजेताओं का चयन करेगा। पैनल की अध्यक्षता विशेष सचिव, लॉजिस्टिक शाखा करेंगे और इसमें संबंधित मंत्रालयों के वरिष्ठ प्रतिनिधि, शीर्ष शैक्षणिक और शोध संस्थानों के लॉजिस्टिक और आपूर्ति श्रृंखला विशेषज्ञ और उपयोगकर्ता उद्योग व सेवा प्रदातों से जुड़े सीएक्सओ स्तर के पेशेवर शामिल होंगे।
विजेताओं का ऐलान 31 अक्टूबर, 2021 को किया जाएगा। सभी नेशनल ज्यूरी राउंड में सभी फाइनलिस्ट द्वारा पेश केस स्टडीज को लॉजिस्टिक एक्सीलेंस गैलरी में प्रदर्शित किया जाएगा।