राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने भारत रत्न डाॅ० भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केन्द्र, लखनऊ का शिलान्यास किया

राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने भारत रत्न डाॅ० भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केन्द्र, लखनऊ का शिलान्यास किया President Ram Nath Kovind lays the foundation stone of Bharat Ratna Dr. Bhimrao Ambedkar Memorial and Cultural Centre, Lucknow
राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने भारत रत्न डाॅ० भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केन्द्र, लखनऊ का शिलान्यास किया President Ram Nath Kovind lays the foundation stone of Bharat Ratna Dr. Bhimrao Ambedkar Memorial and Cultural Centre, Lucknow

 राष्ट्रपति ने भारत रत्न डाॅ0 भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केन्द्र, लखनऊ का शिलान्यास किया

बाबा साहब डाॅ0 भीमराव आंबेडकर के जीवन मूल्यों और आदर्शाें के अनुरूप समाज एवं राष्ट्र का निर्माण करने में ही हमारी वास्तविक सफलता: राष्ट्रपति

बाबा साहब के स्मारक के रूप में सांस्कृतिक केन्द्र का निर्माण करने की उत्तर प्रदेश सरकार की पहल सराहनीय

‘भवतु सब्ब मंगलम’ का अर्थ है ‘सबकी भलाई’, बाबा साहब तर्क दिया करते थे कि लोकतंत्र में सरकारों का दायित्व है कि सबकी भलाई के लिए कार्य करें, वर्तमान सरकार भवतु सब्ब मंगलम के मूलभाव को साकार कर रही है

लखनऊ शहर से बाबा साहब डाॅ0 आंबेडकर का खास सम्बन्ध, जिसके कारण लखनऊ को बाबा साहब की ‘स्नेह भूमि’ भी कहा जाता है

बाबा साहब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के बहुआयामी व्यक्तित्व और राष्ट्र-निर्माण में उनके बहुमूल्य योगदान से उनकी असाधारण क्षमता व योग्यता का परिचय मिलता
बाबा साहब के ‘विजन’ में चार सबसे महत्वपूर्ण बातें, नैतिकता, समता, आत्मसम्मान और भारतीयता रही, इन चारों बातों में आदर्शों तथा
जीवन मूल्यों की झलक बाबा साहब के चिंतन एवं कार्यों में दिखाई देती है
बाबा साहब की सांस्कृतिक सोच मूलतः समता और समरसता पर आधारित थी
बाबा साहब के चिंतन में भगवान बुद्ध के विचार छाए होते थे, उन्होंने भगवान बुद्ध के करुणा और सौहार्द के संदेश को अपने जीवन व राजनीति का आधार बनाया
बाबा साहब आधुनिक भारत के निर्माण में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका के पक्षधर थे
बाबा साहब द्वारा गढ़े गये संविधान से मिले कवच से देश के सभी लोग खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं: राज्यपाल
बाबा साहब डाॅ0 भीमराव आंबेडकर को संविधान के शिल्पी के रूप में स्मरण किया जाता है: मुख्यमंत्री
93 वर्ष पूर्व वर्ष 1928 में आज ही के दिन बाबा साहब द्वारा ‘समता’ नामक साप्ताहिक समाचार पत्र का शुभारम्भ समतामूलक समाज की स्थापना तथा देश की आजादी की लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए किया गया
भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में वंचितांे, दलितों, उपेक्षितों तथा अन्तिम पायदान के व्यक्ति की बात होगी तो डाॅ0 आंबेडकर का नाम श्रद्धा एवं सम्मान के साथ लिया जाएगा
प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन में बाबा साहब की स्मृतियों को जीवन्त बनाए रखने के उद्देश्य से, मध्य प्रदेश स्थित उनका जन्म स्थान महू छावनी, नागपुर में उनकी दीक्षा भूमि, दिल्ली स्थित महापरिनिर्वाण स्थल, मुम्बई में चैत्य-भूमि तथा लंदन का वह घर, जहां ब्रिटेन में रहते हुए उन्होंने अपनी पढ़ाई की, को ‘पंच तीर्थ’ के रूप मंे विकसित किया गया
इसी क्रम में राज्य सरकार द्वारा भारत रत्न डाॅ0 भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केन्द्र का शिलान्यास कराया गया
बाबा साहब डाॅ0 भीमराव आंबेडकर ने राष्ट्र की चेतना एवं दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी: संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
राष्ट्रपति, राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने भारत रत्न डाॅ0 भीमराव आंबेडकर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की
राज्यपाल ने भारत की प्रथम महिला श्रीमती सविता कोविन्द को शाॅल भेंटकर तथा मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर स्वागत किया
भारत रत्न डाॅ0 भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केन्द्र पर आधारित एक फिल्म प्रदर्शित की गयी

लखनऊ: 29 जून, 2021 : भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द जी ने कहा कि बाबा साहब डाॅ0 भीमराव आंबेडकर के जीवन मूल्यों और आदर्शाें के अनुरूप समाज एवं राष्ट्र का निर्माण करने में ही हमारी वास्तविक सफलता है। इस दिशा में हमने प्रगति की है, किन्तु हमें अभी और आगे जाना है। उन्हांेने विश्वास जताया कि बाबा साहब के आदर्शाें पर आगे चलते हुए हम समता, समरसता, सामाजिक न्याय पर आधारित सशक्त और समृद्ध भारत के निर्माण में सफल होंगे।


राष्ट्रपति जी आज यहां लोक भवन सभागार में आयोजित एक समारोह में भारत रत्न डाॅ0 भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केन्द्र, लखनऊ के शिलान्यास के उपरान्त अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्हांेने कहा कि बाबा साहब के स्मारक के रूप में सांस्कृतिक केन्द्र का निर्माण करने की उत्तर प्रदेश सरकार की पहल सराहनीय है। उन्होंने आकांक्षा व्यक्त की कि प्रस्तावित शोध केन्द्र बाबा साहब की गरिमा के अनुरूप उच्च स्तरीय शोध कार्य करे और शोध जगत में अपनी विशेष पहचान बनाए। उन्हांेने भरोसा जताया कि यह सांस्कृतिक केन्द्र सभी देशवासियों, विशेष कर युवा पीढ़ी को बाबा साहब के आदर्शाें एवं उद्देश्यों से परिचित कराने में अपनी प्रभावी भूमिका निभाएगा।


कार्यक्रम के प्रारम्भ में राष्ट्रपति जी ने भारत रत्न डाॅ0 भीमराव आंबेडकर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल जी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने भी डाॅ0 आंबेडकर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। राज्यपाल जी ने भारत की प्रथम महिला श्रीमती सविता कोविन्द को शाॅल भेंटकर तथा मुख्यमंत्री जी ने राष्ट्रपति जी को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर स्वागत किया। इस अवसर पर भारत रत्न डाॅ0 भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केन्द्र पर आधारित एक फिल्म भी प्रदर्शित की गयी। कार्यक्रम के प्रारम्भ में स्वस्ति वाचन के साथ शंख वादन किया गया। बौद्ध भिक्षुओं द्वारा संगायन व परिपाठ किया गया।


राष्ट्रपति जी ने कहा कि इस अवसर पर स्वस्ति वाचन व बौद्ध भिक्षुओं के संगायन तथा परिपाठ से एक आध्यात्मिक वातावरण सृजित हो गया। बौद्ध भिक्षुओं के गायन में जिस ‘भवतु सब्ब मंगलम’ शब्द का उल्लेख हुआ है, बाबा साहब इसे बार-बार दोहराते थे। ‘भवतु सब्ब मंगलम’ का अर्थ है ‘सबकी भलाई’। बाबा साहब तर्क दिया करते थे कि लोकतंत्र में सरकारों का दायित्व है कि सबकी भलाई के लिए कार्य करें। वर्तमान सरकार भवतु सब्ब मंगलम के मूलभाव को साकार कर रही है।


राष्ट्रपति जी ने कहा कि लखनऊ शहर से भी बाबा साहब डाॅ0 आंबेडकर का खास सम्बन्ध रहा है, जिसके कारण लखनऊ को बाबा साहब की ‘स्नेह भूमि’ भी कहा जाता है। बाबा साहब के लिए गुरु समान, बोधानन्द जी और उन्हें दीक्षा प्रदान करने वाले भदंत प्रज्ञानन्द जी, दोनों का निवास लखनऊ में ही था। दिसम्बर, 2017 में अपनी लखनऊ यात्रा के दौरान उन्होंने (राष्ट्रपति जी) भदंत प्रज्ञानन्द जी की पुण्यस्थली पर जाकर, उनकी स्मृतियों को सादर नमन किया था। बाबा साहब की स्मृतियों से जुड़े सभी स्थल भारतवासियों के लिए विशेष महत्व रखते हैं।


राष्ट्रपति जी ने कहा कि भारत सरकार द्वारा बाबा साहब डाॅ0 आंबेडकर से जुड़े महत्वपूर्ण स्थानों को तीर्थ-स्थलों के रूप में विकसित किया गया है। महू में उनकी जन्म-भूमि, नागपुर में दीक्षा भूमि, दिल्ली में महापरिनिर्वाण स्थल, मुंबई में चैत्य भूमि तथा लंदन में ‘आंबेडकर मेमोरियल होम’ को तीर्थ-स्थलों की श्रेणी में रखा गया है। साथ ही दिसम्बर 2017 से, दिल्ली में ‘डाॅ0 आंबेडकर इन्टरनेशनल सेण्टर’ की स्थापना से देश-विदेश में बाबा साहब के विचारों के प्रचार-प्रसार का एक महत्वपूर्ण मंच राष्ट्रीय राजधानी में भी उपलब्ध है।


राष्ट्रपति जी ने कहा कि बाबा साहब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के बहुआयामी व्यक्तित्व और राष्ट्र-निर्माण में उनके बहुमूल्य योगदान से उनकी असाधारण क्षमता व योग्यता का परिचय मिलता है। वे एक शिक्षाविद, अर्थशास्त्री, विधिवेत्ता, राजनीतिज्ञ, पत्रकार, समाजशास्त्री व समाज सुधारक तो थे ही, उन्होंने संस्कृति, धर्म और अध्यात्म के क्षेत्रों में भी अपना अमूल्य योगदान दिया है। भारतीय संविधान के शिल्पकार होने के अलावा, हमारे बैंकिंग, इरिगेशन, इलेक्ट्रिसिटी सिस्टम, लेबर मैनेजमेंट सिस्टम, रेवेन्यू शेयरिंग सिस्टम, शिक्षा व्यवस्था आदि सभी क्षेत्रों में डॉ0 आंबेडकर के योगदान की छाप है।
राष्ट्रपति जी ने कहा कि बाबा साहब के ‘विजन’ में चार सबसे महत्वपूर्ण बातें, नैतिकता, समता, आत्मसम्मान और भारतीयता रहीं। इन चारों आदर्शों तथा जीवन मूल्यों की झलक बाबा साहब के चिंतन एवं कार्यों में दिखाई देती है। बाबा साहब की सांस्कृतिक सोच मूलतः समता और समरसता पर आधारित थी। अद्भुत प्रतिभा, मानव मात्र के प्रति करुणा और अहिंसा पर आधारित उनकी जीवन यात्रा व उपलब्धियों को विश्व समुदाय ने मान्यता दी है। सन 2016 में 100 से भी अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने संयुक्त राष्ट्र संघ में आयोजित बाबा साहब डाॅ0 आंबेडकर की 125वीं जयंती समारोह में भागीदारी करते हुए मानवता के समग्र विकास में उनके बहुमूल्य योगदान को सराहा था।


राष्ट्रपति जी ने कहा कि बाबा साहब के चिंतन में भगवान बुद्ध के विचार छाए होते थे। उन्होंने भगवान बुद्ध के करुणा और सौहार्द के संदेश को अपने जीवन व राजनीति का आधार बनाया। नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन, संसद भवन तथा अनेक महत्वपूर्ण स्थलों पर भगवान बुद्ध के प्राचीन प्रतीक व स्थापत्य मौजूद हैं। राष्ट्रपति भवन का गुम्बद भी सांची स्तूप स्थापत्य से प्रभावित है। लोक सभा अध्यक्ष की कुर्सी के पीछे ‘धर्म चक्र प्रवर्तनाय’ शब्द अंकित है, जिसका उल्लेख भगवान बुद्ध ने अपने प्रथम प्रवचन में किया था। डाॅ0 आंबेडकर ने भगवान बुद्ध के विचारों को प्रसारित किया। उनके इस प्रयास के मूल में करुणा, बंधुता, अहिंसा, समता और पारस्परिक सम्मान जैसे भारतीय मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाने का और सामाजिक न्याय के आदर्श को कार्यरूप देने का उनका उद्देश्य परिलक्षित होता है।


राष्ट्रपति जी ने कहा कि बाबा साहब आधुनिक भारत के निर्माण में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका के पक्षधर थे। वे महिलाओं को समान अधिकार दिलाने के लिए सदैव सक्रिय रहे। बाबा साहब द्वारा रचित हमारे संविधान में आरम्भ से ही मताधिकार समेत प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं को समान अधिकार प्रदान किए गए हैं। विश्व के अन्य प्रमुख लोकतांत्रिक देशों में यह समानता महिलाओं को लम्बे समय के बाद ही मिल पाई थी। भारत के संविधान में महिलाओं को भी पुरुषों के बराबर ही, समानता का मूल अधिकार दिया गया है। बाबा साहब चाहते थे कि समानता के इस मूल अधिकार को संपत्ति के उत्तराधिकार तथा विवाह एवं जीवन के अन्य पक्षों से जुड़े मुद्दों पर भी एक अलग विधेयक द्वारा स्पष्ट कानूनी आधार दे दिया जाए। आज महिलाओं के संपत्ति पर उत्तराधिकार जैसे अनेक विषयों पर उनके द्वारा सुझाए गए मार्ग पर ही हमारी विधि-व्यवस्था आगे बढ़ रही है। इससे यह स्पष्ट होता है कि बाबा साहब की दूरदर्शी सोच अपने समय से बहुत आगे थी।


कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी ने कहा कि राष्ट्रपति जी द्वारा भारत रत्न डाॅ0 भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केन्द्र का शिलान्यास हम सभी के लिए गर्व का विषय है। स्मारक एवं सांस्कृतिक केन्द्र में प्रेक्षागृह, पुस्तकालय, शोध केन्द्र सहित बाबा साहब की विशालकाय मूर्ति की स्थापना का प्राविधान किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने केन्द्र का निर्माण कराए जाने के लिए राज्य सरकार की प्रशंसा की।


राज्यपाल जी ने कहा कि बाबा साहब का जीवन संघर्ष और उपलब्धियों की गाथा है। संविधान की रूपरेखा तैयार करने के लिए डाॅ0 आंबेडकर को संविधान के शिल्पी के रूप में याद किया जाता है। बाबा साहब द्वारा गढ़े गये संविधान से मिले कवच से देश के सभी लोग खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं। डाॅ0 आंबेडकर जीवन पर्यन्त दलित व पिछड़े वर्गांे के लिए संघर्ष करते रहे। उन्होंने जाति विद्वेष व अंधविश्वास के विरुद्ध तथा महिलाओं के लिए संघर्ष किया। बाबा साहब चाहते थे कि शिक्षा शोषित और वंचित लोगों के जीवन में प्रकाश लाये। उन्होंने कहा कि शिक्षा परिवर्तन लाने का माध्यम है। जीविका कमाने के साथ ही, यह राष्ट्र निर्माण में योगदान के लिए भी सहायक होती है।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने राष्ट्रपति जी द्वारा भारत रत्न डाॅ0 भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केन्द्र के शिलान्यास के लिए उनके प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सभी जानते हैं कि बाबा साहब डाॅ0 भीमराव आंबेडकर को संविधान के शिल्पी के रूप में स्मरण किया जाता है। भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में वंचितांे, दलितों, उपेक्षितों तथा अन्तिम पायदान के व्यक्ति की बात होगी तो डाॅ0 आंबेडकर का नाम श्रद्धा एवं सम्मान के साथ लिया जाएगा।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि डाॅ0 आंबेडकर विपरीत परिस्थितियों में उच्च शिक्षा ग्रहण कर देश की सेवा के लिए आगे आए। आज का दिन अत्यन्त महत्वपूर्ण है। 93 वर्ष पूर्व सन् 1928 में आज के ही दिन 29 जून को बाबा साहब द्वारा ‘समता’ नामक साप्ताहिक समाचार पत्र का शुभारम्भ समतामूलक समाज की स्थापना तथा देश की आजादी की लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए किया गया था।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन में बाबा साहब की स्मृतियों को जीवन्त बनाए रखने के उद्देश्य से कार्य किया गया है। मध्य प्रदेश स्थित उनका जन्म स्थान महू छावनी, नागपुर में उनकी दीक्षा भूमि, दिल्ली स्थित महापरिनिर्वाण स्थल, मुम्बई में चैत्य-भूमि तथा लंदन का वह घर, जहां ब्रिटेन में रहते हुए उन्होंने अपनी पढ़ाई की, को ‘पंच तीर्थ’ के रूप मंे विकसित किया गया है। इसी क्रम में राज्य सरकार द्वारा आज भारत रत्न डाॅ0 भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केन्द्र का शिलान्यास कराया गया है। उन्होंने कहा कि प्रयास किया जाए कि शीघ्र ही इस केन्द्र का निर्माण कर इसका उद्घाटन भी सम्पन्न किया जाए।


कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 नीलकण्ठ तिवारी ने कहा कि बाबा साहब डाॅ0 भीमराव आंबेडकर ने राष्ट्र की चेतना एवं दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। प्रधानमंत्री जी द्वारा बाबा साहब के विचारों के मूल भाव को ‘सबका साथ, सबका विकास’ के रूप में लागू किया जा रहा है। भारत सरकार ने बाबा साहब के जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण स्थलों का विकास ‘पंच तीर्थ’ के रूप में कराया है।


डाॅ0 तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की पे्ररणा से पूरे देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। प्रदेश में चैरी-चैरा की घटना का शताब्दी समारोह चल रहा है। राज्य सरकार द्वारा आस्था के स्थलों का विकास कराया जा रहा है। अयोध्या, विन्ध्य धाम, नैमिषारण्य के विकास के साथ ही भगवान श्रीराम व निषाद राज गुह से सम्बन्धित स्थल श्रृंग्वेरपुर, महाराजा सुहेल देव से सम्बन्धित स्थल आदि का विकास कराया जा रहा है।


इस अवसर पर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य, डाॅ0 दिनेश शर्मा, सदस्य विधान परिषद श्री स्वतंत्र देव सिंह, उ0प्र0 अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष श्री लालजी प्रसाद निर्मल एवं अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


ज्ञातव्य है कि युवा पीढ़ी को डाॅ0 आंबेडकर के आदर्शाें से परिचित कराने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा लखनऊ में भारत रत्न डाॅ0 भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केन्द्र का निर्माण एक प्रेरणा स्थल के रूप में कराया जा रहा है। प्रदेश के संस्कृति विभाग द्वारा स्थापित किए जा रहे इस स्मारक एवं सांस्कृतिक केन्द्र में बाबा साहब के दर्शन एवं विचारों, उनके आदर्शाें एवं शिक्षाओं तथा भारत के नवनिर्माण में उनके योगदान पर शोध करने के लिए एक सन्दर्भ पुस्तकालय एवं संग्रहालय भी स्थापित किया जा रहा है। ऐशबाग, लखनऊ में 1.34 एकड़ क्षेत्र में भारत रत्न डाॅ0 भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केन्द्र के निर्माण हेतु भूमि चयनित कर ली गयी है। सांस्कृतिक केन्द्र में प्रवेश द्वार के ठीक सामने भारत रत्न डाॅ0 भीमराव आंबेडकर जी की 25 फीट ऊँची प्रतिमा की स्थापना के साथ ही बाबा साहब की पवित्र अस्थियों का कलश भी दर्शनार्थ स्थापित किया जायेगा। सांस्कृतिक केन्द्र में पुस्तकालय, शोध केन्द्र, अत्याधुनिक प्रेक्षागृह, आभासी संग्रहालय, डाॅरमेट्री, कैफेटेरिया, भूमिगत पार्किंग एवं अन्य जनसुविधाएं भी विकसित की जाएंगी।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS