किसानों को वास्तविक आवश्यकता के अनुसार उर्वरक का शत् प्रतिशत वितरण सुनिश्चित करने हेतु समस्त मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारियों को निर्देश जारी

किसानों को वास्तविक आवश्यकता के अनुसार उर्वरक का शत् प्रतिशत वितरण सुनिश्चित करने हेतु समस्त मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारियोंको निर्देश जारी  उर्वरक की बिक्री के बाद किसानों को कैश मेमो या पर्ची उपलब्ध करायी जाय  डी0ए0पी0 एवं एन0पी0के0 उर्वरक की बिक्री बोरी पर अंकित अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक दर पर न की जाय  क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से उर्वरक विक्रेताओं के भौतिक स्टाॅक का सत्यापन सुनिश्चित किया जाए
 किसानों को वास्तविक आवश्यकता के अनुसार उर्वरक का शत् प्रतिशत वितरण सुनिश्चित करने हेतु समस्त मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारियोंको निर्देश जारी

उर्वरक की बिक्री के बाद किसानों को कैश मेमो या पर्ची उपलब्ध करायी जाय

डी0ए0पी0 एवं एन0पी0के0 उर्वरक की बिक्री बोरी पर अंकित अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक दर पर न की जाय

क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से उर्वरक विक्रेताओं के भौतिक स्टाॅक का सत्यापन सुनिश्चित किया जाए

लखनऊ, दिनांकः 16 जून, 2021 : उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को गुणवत्तायुक्त रासायनिक उर्वरक उपलब्ध कराने एवं उर्वरक का शत् प्रतिशत वितरण सुनिश्चित करने के लिये प्रदेश के समस्त मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि प्वाइंट आफ सेल (पी0ओ0एस0) मशीन के माध्यम से उर्वरक की बिक्री के उपरांत सभी किसानों को कैश मेमो या पर्ची उपलब्ध करायी जाय। साथ ही यह भी निर्देश दिये हैं कि डी0ए0पी0 एवं एन0पी0के0 उर्वरक की बिक्री बोरी पर अंकित अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक दर पर न की जाय। ऐसा करने वाले उर्वरक विक्रेताओं पर नियमानुसार कार्यवाही किये जाने के आदेश दिये गये हैं।

यह जानकारी अपर मुख्य सचिव कृषि, डाॅ0 देवेश चतुर्वेदी ने देते हुये बताया कि थोक उर्वरक विक्रेता एवं थोक उर्वरक विक्रेता से फुटकर उर्वरक विक्रेता तक स्टाॅक प्राप्त होते ही आई0एफ0एम0एस0 पोर्टल एवं पी0ओ0एस0 मशीन में रीयल टाईम एक्नालेजमेन्ट की व्यवस्था की जाए। भौतिक रूप से जैसे ही उर्वरक का मूवमेंट होता है, वैसे ही आॅनलाईन प्रणाली को अद्यावधिक कराया जाना सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। पी0ओ0एस0 मशीन अथवा एन्ड्रायड फोन या कम्प्यूटर पर बायोमेट्रिक डिवाईस के माध्यम से ही उर्वरकांे की बिक्री की जाए।

अपर मुख्य सचिव, कृषि ने बताया कि किसानों को पहचान पत्र के आधार पर उनकी जोत एवं फसल हेतु संस्तुत मात्रा के अनुसार ही उर्वरक उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं ताकि महंगे उर्वरकों का असंतुलित प्रयोग एवं कृषि के अतिरिक्त अन्य कार्यों में दुरूपयोग को नियंत्रित किया जा सके। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से जनपद में बफर गोदामों एवं थोक उर्वरक विक्रेताओं के भौतिक स्टाॅक का आईएफएमएस पोर्टल के अनुसार तथा फुटकर उर्वरक विक्रेताओं के भौतिक स्टाॅक का पी0ओ0एस0 मशीन से मिलान करते हुये सत्यापन की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS