ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने देश में 21392 एमटी से अधिक तरल मेडिकल ऑक्सीजन की डिलीवरी की
313 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने देश में ऑक्सीजन की डिलीवरी पूरी की
ऑक्सीजन एक्सप्रेस गाड़ियों ने 1274 एलएमओ टैंकरों के साथ 15 राज्यों को सहायता पहुंचाई
हरियाणा और कर्नाटक प्रत्येक में एलएमओ की डिलीवरी 2000 मीट्रिक टन को पार कर गई
महाराष्ट्र में 614 एमटी ऑक्सीजन, उत्तर प्रदेश में लगभग 3797 एमटी, मध्य प्रदेश में 656 एमटी, दिल्ली में 5476 एमटी, हरियाणा में 2023 एमटी, राजस्थान में 98 एमटी, कर्नाटक में 2115 एमटी, उत्तराखंड में 320 एमटी, तमिलनाडु में 1808 एमटी, आंध्र प्रदेश में 1738 एमटी, पंजाब में 225 एमटी, केरल में 380 एमटी तेलंगाना में 1858 एमटी, झारखंड में 38 एमटी और असम में 240 एमटी ऑक्सीजन पहुंचाई गई
भारतीय रेल सभी बाधाओं को पार करते हुए तथा नए समाधान निकाल कर देश के विभिन्न राज्यों में तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) पहुंचाना जारी रखे हुए है। भारतीय रेल द्वारा अभी तक देश के विभिन्न राज्यों में 1274 से अधिक टैंकरों में 21392 मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) पहुंचाई गई है।
ज्ञात हो कि 313 ऑक्सीजन एक्सप्रेस गाड़ियों ने अपनी यात्रा पूरी कर विभिन्न राज्यों को सहायता पहुंचाई है।
इस विज्ञप्ति के जारी होने तक 5 ऑक्सीजन एक्सप्रेस गाड़ियां 23 टैंकरों में 406 एमटी से अधिक एलएमओ लेकर जा रही हैं।
हरियाणा और कर्नाटक प्रत्येक में एलएमओ की डिलीवरी 2000 मीट्रिक टन को पार कर गई।
तमिलनाडु और तेलंगाना प्रत्येक में एलएमओ की डिलीवरी 1800 एमटी को पार गई।
ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने 36 दिन पहले 24 अप्रैल को महाराष्ट्र में 126 एमटी तरल मेडिकल ऑक्सीजन डिलीवर करने के साथ अपना कार्य प्रारंभ किया था।
भारतीय रेलवे का यह प्रयास रहा है कि ऑक्सीजन का अनुरोध करने वाले राज्यों को कम से कम संभव समय में अधिक से अधिक संभव ऑक्सीजन पहुंचाई जा सके।
ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा 15 राज्यों- उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड और असम को ऑक्सीजन सहायता पहुंचाई गई है।
इस विज्ञप्ति के जारी होने तक महाराष्ट्र में 614 एमटी ऑक्सीजन, उत्तर प्रदेश में लगभग 3797, मध्य प्रदेश में 656 एमटी, दिल्ली में 5476 एमटी, हरियाणा में 2023 एमटी, राजस्थान में 98 एमटी, कर्नाटक में 2115 एमटी, उत्तराखंड में 320 एमटी, तमिलनाडु में 1808 एमटी, आंध्र प्रदेश में 1738 एमटी, पंजाब में 225 एमटी, केरल में 380 एमटी, तेलंगाना में 1858 एमटी, झारखंड में 38 एमटी और असम में 240 एमटी ऑक्सीजन पहुंचाई गई है।
ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने अब तक देश भर के 15 राज्यों में लगभग 39 नगरों /शहरों में एलएमओ पहुंचाई है। इन शहरों में उत्तर प्रदेश में लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, बरेली, गोरखपुर और आगरा, मध्य प्रदेश में सागर, जबलपुर, कटनी और भोपाल, महाराष्ट्र में नागपुर नासिक, पुणे, मुंबई और सोलापुर, तेलंगाना में हैदराबाद, हरियाणा में फरीदाबाद और गुरुग्राम, दिल्ली में तुगलकाबाद, दिल्ली कैंट और ओखला, राजस्थान में कोटा और कनकपारा, कर्नाटक में बेंगलुरु, उत्तराखंड में देहरादून, आंध्र प्रदेश में नेल्लोर, गुंटूर, तड़ीपत्री और विशाखापत्तनम, केरल में एर्नाकुलम, तमिलनाडु में तिरुवल्लूर, चेन्नई, तूतीकोरिन, कोयंबटूर और मदुरै, पंजाब में भटिंडा और फिल्लौर, असम में कामरूप और झारखंड में रांची शामिल हैं।
रेलवे ने ऑक्सीजन सप्लाई स्थानों के साथ विभिन्न मार्गों की मैपिंग की है और राज्यों की बढ़ती हुई आवश्यकता के अनुसार अपने को तैयार ऱखा है। भारतीय रेल को एलएमओ लाने के लिए टैंकर राज्य प्रदान करते हैं।
पूरे देश से जटिल परिचालन मार्ग नियोजन परिदृश्य में भारतीय रेल ने पश्चिम में हापा, बड़ौदा मुंदड़ा, पूर्व में राउरकेला, दुर्गापुर, टाटा नगर, अंगुल से ऑक्सीजन लेकर उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश तथा असम को ऑक्सीजन की डिलीवरी की है।
ऑक्सीजन सहायता तेज गति से पहुंचाना सुनिश्चित करने के लिए रेलवे ऑक्सीजन एक्सप्रेस माल गाड़ी चलाने में नए और बेमिसाल मानक स्थापित कर रही है। लंबी दूरी के अधिकतर मामलों में माल गाड़ी की औसत गति 55 किलोमीटर से अधिक रही है। उच्च प्राथमिकता के ग्रीन कॉरिडोर में आपात स्थिति को ध्यान में रखते हुए विभिन्न मंडलों के परिचालन दल अत्यधिक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम कर रहे हैं ताकि तेज संभव समय में ऑक्सीजन पहुंचाई जा सके। विभिन्न सेक्शनों में कर्मियों के बदलाव के लिए तकनीकी ठहराव (स्टॉपेज) को घटाकर 1 मिनट कर दिया गया है।
रेल मार्गों को खुला रखा गया है और उच्च सतर्कता बरती जा रही है ताकि ऑक्सीजन एक्सप्रेस समय पर पहुंच सकें।
यह सभी काम इस तरह किया जा रहा है कि अन्य माल ढ़ुलाई परिचालन में कमी नहीं आए।
नई ऑक्सीजन लेकर जाना बहुत ही गतिशील कार्य है और आंकड़े हर समय बदलते रहते हैं। देर रात ऑक्सीजन से भरी और अधिक ऑक्सीजन एक्सप्रेस गाड़ियां यात्रा प्रारंभ करेंगी।